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Use of Machine Learning in Hindi with Examples| मशीन लर्निंग के उपयोग ?

 

What is Machine Learning in Hindi 


मशीन लर्निंग :- आसान भाषा में मशीन लर्निंग का अर्थ होता है- मशीन को सिखाना” 

मशीन लर्निंग कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और कंप्यूटर विज्ञान की एक शाखा है जो मनुष्यों के सीखने के तरीके की नकल करने के लिए डेटा और एल्गोरिदम के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करती है, जिससे धीरे-धीरे इसकी सटीकता में सुधार होता है।

मशीन लर्निंग का मुख्य कार्य कंप्यूटर प्रोग्राम को इतना ज्यादा विकसित करना है कि उसे जितना डाटा मिले वह उस डाटा से खुद-ब-खुद सीख सकें।


उदाहरण: हमारे स्मार्टफोन में हम गूगल असिस्टेंट से कोई भी सवाल पूछते हैं। वह हमें गूगल सर्च इंजन से डाटा निकालकर हर सवाल का जवाब देता है। इसमें Machine Learning Algorithm कार्य करते हैं यानी कि गूगल असिस्टेंट से हम जितना सवाल करेंगे। वह उतना खुद मशीन लर्निंग की सहायता से अपने आप को बेहतर बनाता जाएगा।


मशीन लर्निंग के उपयोग | Use of Machine Learning


Use of Machine Learning in Hindi with Examples


जैसा कि आप जानते ही हैं कि आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हर तरह के व्यवसाय में उपयोग किया जा रहा है। हर कंपनी अपने बिजनेस के अनुसार AI कंपनियों से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कार्यरत मॉडल तैयार करवाती है। मशीन लर्निंग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की ही शाखा है। Artificial Intelligence और Machine Learning दोनों के अनुप्रयोग लगभग समान ही है।

चलिए अब जानते हैं मशीन लर्निंग के उपयोग में कौन सी सेवाएं शामिल है:- 

मशीन लर्निंग के उपयोग इस प्रकार हैं:

  • सोशल मीडिया (Social Media)
  • वर्चुअल असिस्टेंट (Virtual Assistent)
  • ई-कॉमर्स (E-Commerce)
  • ट्रांसपोर्ट (Transport)
  • हेल्थकेयर (Healthcare)
  • फाइनेंसियल सर्विस (Financial Service)


1. सोशल मीडिया (Social Media)

सोशल मीडिया जैसे (फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब इत्यादि) इन मशहूर प्लेटफार्म को करोड़ों-अरबों लोगों के द्वारा उपयोग किया जाता है। ऐसे में यह विज्ञापन कंपनियों के लिए बिजनेस को बढ़ाने हेतु सबसे आसान जरिया है। मशीन लर्निंग का उपयोग कर सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले लोगों के इंटरेस्ट का आकलन किया जाता है।

जिससे कंपनियो को डाटा मिल पाता है कि यूजर की सबसे ज़्यादा किस विषय या प्रोडक्ट को लेकर रुचि है। उस हिसाब से कंपनियां विज्ञापन दिखाती हैं और अपने प्रोडक्ट बेचकर मुनाफा कमाती है।

2. वर्चुअल असिस्टेंट (Virtual Assistant)

यह वह सेवा है। जिससे हम कुछ भी सवाल पूछते हैं तो वह हमें इंटरनेट के माध्यम से हर जानकारी Text और Speech के जरिए देती है। वॉइस असिस्टेंट का उपयोग हम अपने मोबाइल और विंडो कंप्यूटर में करते हैं।

वॉइस असिस्टेंट इन्हें वर्चुअल असिस्टेंट भी कहते हैं। जिनको अत्यधिक डाटा के द्वारा बार-बार अभ्यास कराया जाता है। जितने ज्यादा सवाल पूछे जाएंगे। उतना ज्यादा यह वॉइस असिस्टेंट मशीन लर्निंग के माध्यम से अपने सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। अनुभव प्राप्त करते हैं और हमारे द्वारा पूछे सवाल का जवाब सटीक देते हैं।

वर्चुअल असिस्टेंट में वह हर सेवा शामिल होती है। जिससे हम इंटरनेट के माध्यम से सवाल पूछते हैं। चाहे वह: Language Translation, Text Analytics, Smart Assistant, Search Results, Email Filter, Google Translate. सभी सर्विस नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग पर काम करते हैं। जिसमें मशीनों को इंसानी भाषा को समझने जवाब देने और सीखने की क्षमता विकसित करने पर ध्यान दिया जाता है। यह मशीन लर्निंग का हिस्सा है।

3. ई-कॉमर्स (E-Commerce)

ई-कॉमर्स यानी कि अपने बिजनेस को इंटरनेट पर लाना और इंटरनेट के माध्यम से अपने प्रोडक्ट बेचना। मशीन लर्निंग ई-कॉमर्स कंपनी जैसे: Amazon, Flipkart, OLX को अपने बिजनेस को बढ़ाने हेतु अहम योगदान देती है। जिसमें गूगल सर्च इंजन इन कंपनियों की मदद करता है। यूजर किस प्रोडक्ट को सर्च इंजन पर तलाशता है। उसी हिसाब से जिस भी ई-कॉमर्स कंपनी पर वह प्रोडक्ट लिस्ट होगा। उसके रिजल्ट सबसे पहले सर्च रिज़ल्ट्स में दिखा दिए जाते हैं।

4. फाइनेंसियल सर्विस (Financial Service)

वर्तमान समय में हम अपना सारा लेन-देन Paytm, Phonepe या Gpay के जरिए करते हैं। साथ ही इसमें UPI Payment भी शामिल है। बड़ी संख्या में ट्रांजैक्शन को संभालने हेतु भी मशीन लर्निंग एल्गोरिथम का उपयोग किया जाता है। ज्यादातर कामकाज बैंकिंग सेवा में कागजों में न होकर मशीन सिस्टम के द्वारा संभाले जाते हैं।

यही नहीं फाइनेंशियल सर्विस से संबंधी हर चीजें चाहे वह स्टॉक मार्केट ही क्यों ना हो ट्रेडिंग के आंकड़ों को दिखाना उतार-चढ़ाव सभी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा ही मैनेज किया जाता है। मशीन लर्निंग हर तरह के लेनदेन को सुरक्षित बनाती है।


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मशीन लर्निंग क्यों महत्वपूर्ण है | Importance of Machine Learning



Use of Machine Learning in Hindi with Examples


मशीन लर्निंग टेक्नोलॉजी को विश्व की बड़ी कंपनियों ने अपने अलग-अलग उद्योगों में उपयोग किया है। वर्तमान में हम देखते हैं कि आज हर फैक्ट्री, कारखानों, अस्पतालों यहां तक कि जो आज हम अपने हाथ में स्मार्टफोन का उपयोग कर रहे हैं। उसमें मौजूद ऐप्स में भी मशीन लर्निंग एल्गोरिथम के जरिए डाटा कलेक्ट किया जाता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग होता ही है।

मशीन लर्निंग जरूरी इसलिए है। क्योंकि इसका उपयोग अपने बिजनेस या बड़े उद्योगों में करने से इंसानों की तुलना में कम खर्चा आता है।जिससे ज्यादा पैसा कंपनियों का बचता है। इसी वजह से आने वाले कुछ ही वर्षों में बड़ी कंपनियां ज्यादातर टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री अपने कर्मचारियों को हटाएंगी।

साथ ही इसी तरह जो भी नए बिजनेस शुरू होंगे। उनमें मशीन लर्निंग मॉडल का उपयोग किया जाएगा। हालांकि लोगों को सिर्फ मशीनों के रखरखाव सिस्टम को संभालने हेतु उच्च कौशल कंप्यूटर साइंटिस्ट रखे जाएंगे। जो मशीन के सही कार्य करने के ढंग पर नजर रखेंगे। साथ ही मशीन बहुत कम समय में अपने कार्य में निपुण हो जाती है। जिससे वह इंसानों के मुकाबले काम बहुत जल्दी और बिना थके बिना किसी गलती के करती है।

मशीन लर्निंग इसलिए भी जरूरी है। बढ़ती जनसंख्या के कारण अलग-अलग तरह डाटा को इंसान नहीं संभाल सकते। इसलिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सहारा लगभग हर कार्य में लिया जाता है।


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मशीन लर्निंग से प्रभावित उद्योग


विशेषज्ञों का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का हिस्सा यानी मशीन लर्निंग कुछ ऐसे उद्योगों में अपनी अहम भूमिका निभाएगा। जिसे लोगों की बड़ी संख्या प्रतिदिन उपयोग करती है। जो लोगों की जरूरत है। जिसमें लोगों के लिए टेलीकॉम या किसी अन्य कंपनी की तरफ से दी जाने वाली कस्टमर सर्विस, परिवहन, मैन्युफैक्चरिंग और फाइनेंस शामिल है।

मशीन लर्निंग को प्रभावित करने वाले उद्योग :

  • Customer Service (कस्टमर सर्विस)
  • Transportation (परिवहन)
  • Manufacturing (उत्पादन)
  • Finance (फाइनेंस)

1. Customer Service (कस्टमर सर्विस)

मशीन लर्निंग की वजह से विश्व के 85% ग्राहक किसी एजेंट से बात करने की बजाय खुद अपनी समस्या हल करते हैं। जिसमें Chatbots शामिल है। जब भी हम अपने सिम ऑपरेटर से बात करते हैं तो हमें सबसे पहले कुछ निर्देश बताए जाते हैं। आखिर में जाकर हमें कस्टमर केयर से बात करनी होती है। परंतु आज कई सिम ऑपरेटर कंपनियों ने अपनी Apps बना ली है।

जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग हुआ है। हम Chatbot से बात करके अपनी समस्याओं को हल कर सकते हैं। ठीक इसी प्रकार हर तरह के छोटे-बड़े बिजनेस में Chatbot AI का उपयोग कर अपने ग्राहकों को बेहतर सुविधा देने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेहद कामग़र है।

2. Transportation (परिवहन)

मशीन लर्निंग ट्रांसपोर्टेशन (परिवहन) के डाटा पर नजर रखी जाती है। विश्व में मशीन लर्निंग एल्गोरिथम्स ही परिवहन संबंधी हर छोटी-बड़ी जानकारी को संभालते हैं। डाटा की जांच करते हैं। ITS System जिसका पूरा मतलब इंटेलीजेंट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टमहै। पूर्ण रूप से मशीन लर्निंग पर ही आधारित है। हर दिन हजारों लाखों वाहन सड़कों से गुजरते हैं।

सुरक्षा से लेकर सड़कों के नियम तोड़ने तक सभी कार्यों में मशीन लर्निंग का उपयोग है। मशीन लर्निंग ट्रांसपोर्टेशन में तमाम चीजों की डेटा जांचती है। जो इस प्रकार है:

  • कार नेविगेशन सिस्टम
  • स्पीड कैमरा
  • सीसीटीवी सिस्टम
  • दुर्घटना का पता लगाने वाला सिस्टम
  • मौसम संबंधी सूचना प्रणाली
  • ट्रेफिक सिगनल कंट्रोल सिस्टम
  • सड़क के बदलने की जानकारी
  • लाइसेंस प्लेट को पहचानने वाले कैमरे

इसके अलावा सेल्फ ड्राइविंग कार्स भी मशीन लर्निंग एल्गोरिथम का उपयोग करती है। 

3. Manufacturing (उत्पादन)

मोटरसाइकिल, कार फैक्ट्री या फिर किसी प्रोडक्ट को बनाने वाली फैक्ट्री में मशीनों को सुव्यवस्थित ढंग से कार्य करने हेतु मशीन लर्निंग एल्गोरिथम ही उपयोग में लाए जा रहे हैं। जो इतने कुशल है कि सिस्टम में किसी भी तरह की आने वाली खराबी को काम रुकने से पहले ही भांप लेते हैं।

साथ ही उत्पादन क्षमता में मशीनों,रोबोट के उपयोग से बेहद तेजी आई है और फैक्टरी मालिकों का पैसा और समय बच जाता है। बल्कि कम समय में ज्यादा उत्पादन किया जा सकता है। साथ ही इंसानों के मुकाबले मैन्युफैक्चरिंग में किसी भी तरह की कोई गलती की गुंजाइश मशीनों से नहीं होती।

मशीन लर्निंग अपने कार्य करने की क्षमता के आधार पर इन्वेंटरी को जाँचती रहती है। जिससे प्रोडक्ट संबंधी बर्बादी कम होती है। वर्तमान में हर कारखाने, फैक्ट्री में मैन्युफैक्चरिंग संबंधी कार्यों में मशीन लर्निंग बिजनेस मॉडल ही काम में लिए जा रहे हैं। हालांकि यह थोड़े महंगे जरूर होते हैं। परंतु एक बार इंप्लीमेंट करने पर यह कई अलग-अलग तरीके से बिजनेस को बढ़ाने में मदद करते है।

4. Finance (फाइनेंस)

विश्व की ज्यादातर बड़ी Fintech Companies और Institutions मशीन लर्निंग टेक्नोलॉजी का उपयोग Process Automation, Security, Underwriting and Credit Scoring, Algorithmic Trading और Robo Advisory में कर रही हैं।

दरअसल मशीन लर्निंग किसी भी प्रक्रिया को बार-बार दोहरा सकती है। सटीक परिणाम देती है। जिसकी बदौलत इंसानों के ज्यादातर काम को मशीनों में बदल दिया है। जैसे: आज Call Agent की जगह Chatbot है। पेपरवर्क को तकरीबन खत्म कर दिया है।

Phonepe, Googlepe जैसी ट्रांजैक्शन सर्विसे में लेनदेन की प्रक्रिया एल्गोरिदम के तहत चलती है। जिसके चलते लेनदेन संबंधी किसी तरह का फ्रॉड नहीं हो सकता। यहां तक कि Algorithmic Trading की वजह से स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग संबंधी निर्णय बेहतर तरीके से ले सकते हैं।


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मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग में क्या अंतर है?


Use of Machine Learning in Hindi with Examples


जिस प्रकार मशीन लर्निंग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शाखा है। ठीक इसी प्रकार मशीन लर्निंग की भी शाखा है। जिसका नाम डीप लर्निंग है। आइए अब मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग के बीच अंतर को आसान भाषा में समझते हैं:

संख्या

मशीन लर्निंग

डीप लर्निंग

1.

मशीन लर्निंग एल्गोरिथम का उपयोग कम डाटा को समझने और परिणाम देने में किया जाता है।

डीप लर्निंग का उपयोग डाटा की बड़ी मात्रा को समझने और परिणाम पाने हेतु किया जाता है। जटिल डाटा को आसानी से डीप लर्निंग सीख सकते हैं।

2.

मशीन लर्निंग मॉडल ज्यादातर Structured Data से कार्य शुरू करते हैं।

डीप लर्निंग में Structure और Unstructured data दोनों तरह के डाटा से परिणाम प्राप्त किए जाते हैं।

3.

मशीन लर्निंग में हैवी हार्डवेयर की जरूरत नहीं पड़ती इसके एल्गोरिदम डाटा को CPU से भी आसानी से प्रोसेस कर सकते है।

डीप लर्निंग में ज्यादा डाटा प्रोसेस होने के कारण हैवी GPU हार्डवेयर की आवश्यकता पड़ती है।

4.

मशीन लर्निंग डाटा से सीखने में कम समय लेती है और जल्दी आउटपुट देती है।

डीप लर्निंग मशीन लर्निंग के मुकाबले ज्यादा मात्रा में डाटा को प्रोसेस करती है। जिसकी वजह से ज्यादा डाटा होने के कारण यह ज्यादा समय डाटा को ट्रेन करने में लेती है।

5.

मशीन लर्निंग मॉडल एल्गोरिदम पर आधारित है।

डीप लर्निंग एल्गोरिदम आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क पर आधारित है।

मशीन लर्निंग के क्या फ़ायदे 

मशीन लर्निंग के फायदे क्या हैं?


1. मशीन लर्निंग के द्वारा हर तरह के कार्य में Automation किया जा सकता है। जिसे मशीन ट्रेंड के हिसाब से प्राप्त डेटा के अनुसार सटीक परिणाम देती रहेगी।

2. मशीन लर्निंग को लगभग हर कार्य के लिए तैयार किया जा सकता है। जिस भी बिजनेस या कार्य में मशीन लर्निंग मॉडल का उपयोग करना है। उस हिसाब से एल्गोरिदम का चुनाव किया जा सकता है।

3. मशीन लर्निंग एल्गोरिथम इंसानों के काम को लगभग आधा कर देते हैं। साथ ही इंसानों के मुकाबले जल्दी और सटीक परिणाम देते हैं।

4. मशीन समय अनुसार अपनी लर्निंग के आधार पर खुद को बेहतर बनाती जाती है। जिससे नया डाटा मिलने पर भी यह पहले से बेहतर कार्य करती है।

5. एल्गोरिदम हर तरह के डाटा से आउटपुट दे सकते हैं और वह भी बहुत ही कम समय में चाहे वह वीडियो पिक्चर फाइल फॉरमैट ही क्यों न हो।

6. मशीन लर्निंग शिक्षा के लिहाज से भी बेहद फायदेमंद है। इसके उपयोग से हम आने वाली टेक्नोलॉजी के बारे में अच्छी तरह से समझ सकते हैं। उस पर अध्ययन कर सकते हैं।

                       

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मशीन लर्निंग के नुक़सान क्या है?

मशीन लर्निंग के नुक़सान इस प्रकार है:

1. मशीन लर्निंग मॉडल को जितना ज्यादा डाटा मिलता जाता है। वह कम समय में अपनी लर्निंग पूरी करती है और इनपुट और आउटपुट परिणाम देती है ऐसे में Error की संभावना बढ़ जाती है।

2. अलग-अलग तरह के बिजनेस में अलग-अलग मशीन लर्निंग मॉडल तैयार किए जाते हैं। जिसमे उसी तरह का Input Data दिया जाता है। जो बिजनेस संबंधी है। ऐसे में कौन-सा एल्गोरिदम बिजनेस के लिए उपयुक्त होगा। उसका चुनाव करना भी एक समस्या है।

3. मशीन लर्निंग AI का ही हिस्सा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर AI का उपयोग रोबोट में किया जाए तो उनमें ऐसी क्षमता विकसित होगी। जिसे खुद चीजों को सोच समझ सकेंगे। learning मजबूत हो जाने से इंसानों के लिए खतरा बन सकती है।

4. गूगल सर्च इंजन में करोड़ों-अरबों लोग सर्च करते हैं और हर दिन परिणाम दिखाई जाते हैं। जिसमें AI का उपयोग है। 


मशीन लर्निंग का आविष्कारक कौन है?

अमेरिकन कंप्यूटर साइंटिस्ट “Arthur Samuel” मशीन लर्निंग के आविष्कारक है।


मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में क्या अंतर है?


आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऐसा इंटेलिजेंस है। जिसमें इसकी सभी शाखाओं का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग, रोबोटिक्स। जबकि मशीन लर्निंग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शाखा है। जिसके आधार पर पूरा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कार्य करता है। किसी विषय को समझना, परिणाम देने जैसी क्षमता AI को मशीन लर्निंग ही देती है।

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अंत मे,

पूरी पोस्ट पढ़ने के बाद आपको ज्ञात हओ गया होगा की मशीन लर्निंग क्या है इसका मानव जीवन मे क्या उपयोग है आदि सभी कुछ।

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