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Taxes in India, Service Tax, TDS & GST Details in Hindi



हैलो दोस्तों आज कि मेरी इस पोस्ट के माध्यम से आप जानेगें कि
How many type Taxes In India ? What Is Direct Tax and Indirect Tax? What is Service Tax, TDS & GST? तो मेरी इस पोस्ट को पढ़े और इसमें कोई सुधार की आवश्यकता हो तो मुझे जरूर कमेंट कर सूचित करें ताकि मैं उसे सही कर सकूँ और GST के बारे में कुछ और जानना चाहते है तो वह भी लिखें मैं कोशिश करूंगा कि वह भी मैं अपनी अगली पोस्ट में प्रकाशित करूं।
भारत में टैक्सों की श्रेणियां | Categories Of Taxes In India
भारत में Tax System दो हिस्सो में बंटा हुआ है। 1.Direct Taxes 2. Indirect taxes दोनों का संक्षेप में परिचय इस प्रकार है।
प्रत्यक्ष कर| Direct Taxes
ये वो Tax होते हैं जो Government आपकी कमाई के हिस्से के रूप में सीधे आपसे वसूल लेती हैं। जैसे Income Tax, Property Tax,  आदि । इन्हें प्रत्यक्ष कर यानी Direct Taxes इसलिए कहते हैं क्योंकि इन्हें जिस व्यक्ति पर लगाया जाता है, Direct उसी से वसूला भी जाता है। इन्हें भरने वाला आगे चलकर किसी और पर उसका भार Transfer नहीं कर सकता।
 अप्रत्यक्ष कर| Indirect Taxes
ये वो Tax होते हैं जिन्हें सरकार आपसे अप्रत्यक्ष तौर पर (Indirectly) वसूल करती है। मतलब यह कि Government ने किसी और से लिया, फिर उस देने वाले ने आगे चलकर किसी और से टैक्स की भरपाई कर ली। इनडायरेक्ट टैक्स वस्तुओं और सेवाओं की कीमत में शामिल करके वसूले जाते हैं। Excise Duty, Service Tax, Entertainment Tax आदि इसी Category के Tax हैं। हाल ही में आया GST भी इसी Category का Tax है।
Taxes is India, Service Tax, TDS  & GST Details in Hindi
SERVICE TAX DEFINATION
सेवा कर किसी व्‍यक्ति को प्रदान की गई सेवाओं पर लगाया जाता है और इस कर का भुगतान करने की जिम्‍मेदारी सेवा प्रदाता की होती है। यह एक अप्रत्‍यक्ष कर है । भारत में सेवा कर वित्‍त अधिनियम, 1994 के अध्‍याय V द्वारा इस वर्ष 1994 में शुरू किया गया है। वर्ष 1994 में प्रारम्भिक रूप में यह कर सेवाओं के तीन सैटों पर लगाया गया था और तब से सेवा कर का कार्यक्षेत्र में अनुवर्ती वित्‍त अधिनियमों द्वारा निरन्‍तर विस्‍तार किया जा रहा है। वित्‍त अधिनियम के तहत सेवा कर की उगाही जम्‍मू और कश्‍मीर राज्‍य को छोड़कर पूरे भारत में की जा रही है।
व्‍यक्तियों अथवा संबंधित स्‍वामी और साझेदार फर्म के मामले में सेवा कर तिमाही आधार पर अदा किया जाएगा। सेवा कर के भुगतान की निश्चित तारीख संबंधित तिमाही के बिल्‍कुल बाद के महीने की पांच तारीख होगी (तिमाहियां है : अप्रैल से जून, जुलाई से सितम्‍बर, अक्‍तूबर से दिसम्‍बर और जनवरी से मार्च के लिए भुगतान 31 मार्च को ही किया जाएगा। सेवा प्रदाता की ऊपर निर्दिष्‍ट श्रेणी के अलावा, कोई अन्‍य श्रेणी होने पर सेवा कर का का भुगतान मासिक आधार पर अर्थात् अगले महीने की पांच तारीख को किया जाएगा। लेकिन मार्च माह के संबंध में भुगतान 31 मर्च को ही किया जाएगा।

What is tds

TDS ka full Form है “Tax deducted at source” (TDS) .
टीडीएस का सिंपल सा मतलब है की आपकी इनकम का कुछ परसेंटेज आपको इनकम का पेमेंट करने वाले (Payer ) द्वारा काटा जाता है। Payer को Deductor और आपको Deductee के नाम से भी जाना जाता है।
Deductor द्वारा टीडीएस काटने के बाद टीडीएस राशि सरकार के खाते में में जमा की जाती है। Deductor द्वारा काटे गए टीडीएस को आपके द्वारा आपकी इनकम टैक्स रिटर्न में दिखाना चाहिये।
अगर Deductor द्वारा  tds समय पर सरकार को जमा नहीं करवाया जाता तो Deductor पर इंटरेस्ट और पेनल्टी लग सकते है।
Deductor द्वारा Deductee को सर्टिफिकेट ( फॉर्म 16 /16 A ) जारी किया जाता है जिसमे काटे गए टीडीएस की पूरी डिटेल रहती है।अगर Deductee की इनकम टैक्सेबल इनकम से कम है तो Deductee सम्बन्धित असेसमेंट ईयर में Itr फाइल करके टीडीएस रिफंड क्लेम कर सकता है।
जैसे F.Y. 2017-18  में आपकी  सैलरी से इनकम है और वह        Rs. 2,50,000 से कम है तो आप A.Y. 2018-19 की Itr फाइल करके काटे गए टीडीएस का रिफंड क्लेम कर सकते है।
What is GST
भारतीय Indirect Tax System में सबसे बड़े बदलावों के साथ। वस्तुओं की बिक्री और Services की उपलब्धता पर लगने वाले तमाम तरह के Central  और State Taxes खत्म हो गए हैं। उनकी जगह पर बचा है सिर्फ एक Tax। सिर्फ GST जिसका फुल फॉर्म है Goods And Services Tax  यानि हिन्दी में वस्तु एवं सेवा कर
Taxes is India, Service Tax, TDS  & GST Details in Hindi

​तीन प्रकार से लगेगा जीएसटी|Three Types Of GST
जीएसटी के अंतर्गत केंद्र एवं राज्यों की ओर से लिए जाने वाले टैक्सों को सिर्फ तीन टैक्सों में शामिल कर लिया गया है।
1.   सेन्ट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स| Central Goods and Service Tax (CGST)
माल का लेन-देन अगर एक ही State के दो पक्षों के बीच हो रहा हो तो यह टैक्स (CGST) केंद्र सरकार को देना पड़ेगा।
1.   स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स |State Goods and Service Tax (SGST)
माल का लेन-देन अगर एक ही State के दो पक्षों के बीच हो रहा हो तो यह टैक्स (SGST) राज्य सरकार को देना पड़ेगा।
1.   इंटिग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स| Integrated Goods and Service Tax (IGST)
  माल का लेन-देन अगर अलग-अलग States के दो पक्षों के बीच हो रहा हो तो यह टैक्स (IGST) केंद्र सरकार को देना पड़ेगा।

Noteराज्य के अंदर लेन-देन की स्थितियों में आपको हर Deal पर दो Tax देने पड़ेंगे। केंद सरकार को CGST और राज्य सरकार को SGST। दो राज्यों के बीच लेन-देन की स्थिति में सिर्फ एक टैक्स देना पड़ेगा IGST वह भी सिर्फ केंद्र सरकार को।
जीएसटी की दर|Rate Of GST
GST Council ने अलग-अलग प्रकार की वस्तुओं के लिए जीएसटी के कुल पांच स्लैब मंजूर किए हैं। ये हैं zero, 5%, 12%, 18% and 28%.। अति आवश्यक वस्तुओं पर कम से कम Tax लगाकर और विलासी व कम Important वस्तुओं पर ज्यादा से ज्यादा Tax लगाकर जीएसटी को ज्यादा से ज्यादा न्यायपूर्ण बनाने की कोशिश की गई है। जैसे कि Air Conditioner, Refrigerator, Makeup आदि पर 28 प्रतिशत GST तय किया गया है। जबकि कच्चा माल मसलन अनाज और ताजी सब्जियों आदि पर Zero  टैक्स तय किया गया है। इसी प्रकार Education और Health सुविधाओं को Tax  के दायरे से बाहर रखा गया है।
सरकार नागरिकों से टैक्स क्यों वसूलती है? दरअसल कोई भी सरकार अपने अधिकार क्षेत्र में रहने वाले लोगों और संस्थानों को जो नागरिक सेवा उपलब्ध कराती है, उन पर उसे काफी रकम खर्च करना पड़ता है. इसमें सड़क, बिजली-पानी से लेकर सुरक्षा और प्रशासन पर आने वाले खर्च शामिल हैं. किसानों और गरीब लोगों को विभिन्न सुविधा पर दी जाने वाली सब्सिडी या मदद आदि भी इन खर्च में शामिल है.


Proper Setting of Tally Erp9 Accounting, Inventory and Taxation Features

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